डेंगू बुखार Dengue fever

परिचय : डेंगू बुखार  एडीज मच्छर के कटने से फैलनेवाला बीमारी है।

कारण: डेंगू वायरस से होता है।

वाहक : संक्रमित मादा एडीज मच्छर के कटने से सामान्यत: होता है, परंतु यह बीमारी गभर्वती माता से उसके सीसी को तथा blood transfusionसे भी फैल (transmit) सकता है|

लक्षण:  तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मतली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते 

जांच: Complete blood count, IgG ,IgM ,PCR

उपचार : No Specefic treatment,सामान्यत: लक्षणों के अनुसार इलाज किया जता है। बुखार के लिए paracetamol वजन के अनुसार दिया जाता है। इस बीमारी में Aspirin,Ibuprofen माना है। तरल पे पदार्थ अधिक ले

बचाव : मच्छर के कटने से बचें, डेंगू का मच्छर सुबह में काटता है। डेंगू बुखार के लिए जिम्मेदार मादा एडीज मच्छर आमतौर पर साफ लेकिन स्थिर पानी में अंडा देती है, इसलिए संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए पानी जमाव से बचना  चाहिए।लंबी बाजू की कमीज और लंबी पैंट पहनें  मच्छर के काटने से खुद को बचाएं।मच्छरदानी का उपयोग करें।

डेंगू बुखार के  कुछ युनानी उपचार इस प्रकार हैं:

पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें।

गिलोय: इस जड़ी बूटी के तनों को उबालकर एक हर्बल पेय के रूप में लिया जाना चाहिए और तुलसी की भी आवश्यकता हो सकती है।

पपीते के पत्ते: प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं और बुखार के लक्षणों जैसे शरीर में दर्द, ठंड लगना, कमज़ोर महसूस होना, आसानी से थकान होना और जी मिचलाना जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है। पत्तियों को कुचल सकते हैं और उनका सेवन कर सकते हैं या फिर उनका जूस बनाकर सेवन कर सकते हैं जो विषाक्त पदार्थों को फ्लश करने में मदद करता है। हब्बे पपिता का उपयोग किया जाए।

मेथी के पत्ते: वे बुखार को कम करने और दर्द को कम करने के लिए उपयोग किया जाता हैं। पत्तियों को भिगोकर पानी पीना ही इनके सेवन का तरीका है।

किवी का फल खाना भी लाभदायक है|

हल्दी:  दूध के साथ हल्दी का सेवन कर सकते हैं।

तुलसी के पत्ते और काली मिर्च: तुलसी के पत्तों को उबालकर उसमें 2 ग्राम काली मिर्च मिलाकर पीने की सलाह भी दी जाती है।



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