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Showing posts from March, 2023

अर्क पुदीना (Arq Pudina)

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  अर्क पुदीना पुदीना एक उपयोगी सुगंधित यूनानी औषधि है | ये गर्मियों में विशेष उपयोगी औषधि है | नामकरण: पुदीना जूज ए खास होने के कारण इस अर्क का नाम अर्क पुदीना है। औषधि गुण : मुक्वी ए मेदा ( stomachie), हाज़िम ( Dijestive), माने जहीर ( Anti-dysenteric), दाफे कै ( Anti Emetic), तिर्याके समूम ( Antidote). औषधि प्रयोग: 1.         पेट के रोग : अपच , अजीर्ण , पेचिश , पेट में मरोड़ , उल्टियाँ , खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है | अर्क पुदीना पीने से खाने से रूचि उत्पन्न होती है , वायु दूर हो कर पाचनशक्ति तेज होती है | उल्टी-दस्त , में पुदीने के रस में नींबू का रस , एवं शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है | 2.      मासिक धर्म : पुदीने को उबालकर पीने से मासिक धर्म की पीड़ा तथा अल्प मासिक स्राव में लाभ होता है | अधिक मासिक स्त्राव में यह प्रयोग न करें | 3 .      सिरदर्द,   गर्मी के कारण व्याकुलता: पुदीना पीसकर ललाट पर लेप करें तथा पुदीने का अर्क / शरबत पियें | 4.      हिचकी : अर्क पुदीना के सेवन से राहत मिलती हैं |
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  Zeequn Nafas    / Bronchial Asthma Bronchial Asthma, known as Zeequn Nafas /Dama/Rabw in Unani System of Medicine, is a Balghami (phlegmatic) disease caused by accumulation of thick viscid Balgham (phlegm) in the lung airways leading to ‘Usr al-Tanaffus (difficulty in breathing). Iläj bi’l-Dawä’ (Pharmacotherapy) Single drugs Züfä Khushk (Hyssopus officinalis ) Tukhm Katän (Linum usitatissimum.) Irsä (Iris ensata Thunb.) Kurkum (Curcuma longa Linn.) Kalonjé (Nigella sativa Linn.) Isbaghol (Plantago ovata Forsk.) Unñul (Urginea indica Kunth.) Püdéna (Mentha arvensis Linn.) Compound drugs ·          Habbe Zeequnnafs : Dose: one pill thrice a day with honey or luke warm water. Route of administration: oral   ·          Lauq Katan : Dose: 5 to 10 gm thrice a day Action: Act as expectorant. Route of administration: oral   ·          Sharbate Zufa Murrakab : Dose: 15 to 20 ml thrice a day Route of

यूनानी चिकित्सा मे रोगों का वर्गीकरण

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रोगों के असबाब , अलामात , तस्खीस तथा ईलाज के अध्यन में सरलता हेतु , यूनानी चिकित्सा पद्धति मे रोगों का वर्गीकरण   निम्न प्रकार से किया गया है।   बुन्यादी तौर पर रोग दो प्रकार का होता है : अमराज मुफर्दा   एवं अमराज़ मुरक्कबा A. अमराज मुफर्दा : ये मर्ज बुन्यादी तौर पर आजा ए मुफर्दा को लाहक होता है। ये तीन प्रकार का होता है :- a. सुए मिजाज़ : ये वह मर्ज है , जिस में आजा ए मुफर्दा का मिजाज असामान्य अर्थात विकृत हो जाता है। ऐसे मर्ज   सोलह प्रकार के होते हैं। b. सुए तरकीब : ये वह मर्ज है जिस में आजा ए मुफर्दा का बनावट में विकृति अर्थात शरीर रचना असामान्य हो जाता है। c. तफ्फरूक ए इत्तासाल : ये वह मर्ज है जिस में आजा मे उसका निरंतरता भंग हो जाता है। ये रोग , आजा ए मुफर्दा तथा आजा ए मुरक्काबा दोनो को हो सकता है। जैसे कट जाना , टूट जाना इत्यादि। B. अमराज़ मुरक्कबा : ये वह मर्ज है जिस में एक समय में एक से अधिक अमराज ए मुफर्दा किसी अं