कैंसर रोगी के लिए आहार
कैंसर शरीर की कोशिकाओं में असामान्य तथा अनियंत्रित वृद्धि है जो शरीर के अन्य हिस्से में फैलने की क्षमता रखती है। इसे यूनानी चिकित्सा पद्धति में सर्तान कहते हैं। यूनानी चिकित्सा विज्ञान के अनुसार यह "अखलाक सौदा" से होने वाली बीमारी है अर्थात सौदा अपने सामान्य गुण से परिवर्तित होकर रोग का कारण बन जाता है। मूलभूत रूप से यह सुए मिजाज का मर्ज है, जो बाद में सुए तरकीब तथा तफ्फरुके इतसाल का भी कारण बन जाता है अर्थात मर्ज मुरक्काब का रूप धारण कर लेता है ।
जोखिम कारक:
वह सभी कारक जो शरीर में अधिक सौदा बनाता है इस रोग का जो जोखिम कारक है। शरीर में चार प्रकार का अखलात होता है: दम (खून), बलगम, सफरा तथा सौदा ।
हम जो भी खाद्य पदार्थ भोजन के रूप में खाते हैं यह शरीर में पाचन के चार अनुक्रमिक अवस्थाओं से होकर शरीर का हिस्सा बनता है।
पाचन के चार अनुक्रमिक अवस्था: हज्म मेदी, हज्म कबदी, हज्म उरूकी तथा हज्म उज़वी है ।
हज्म कबदी यानी पाचन के द्वितीय अवस्था में भोजन से अखलाक का निर्माण होता है। आदर्श रूप में भोजन से हज्म कबदी के उपरांत चार खिल्त दम, बलगम, सफरा एवं सौदा का निर्माण होता है। परंतु भोजन यानि खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता, पाचन तंत्र के अंगों के स्वस्थय तथा वातावरण के प्रभाव से 4 सामान्य खिल्त के साथ-साथ असामान्य खिल्त का भी निर्माण होता है । सामान्यत: असामान्य खिल्त को तबीयत शरीर से बाहर करके इसके दुष्प्रभाव से शरीर की रक्षा करता है । यदि पाचन के किसी भी अवस्था में शरीर में अधिक गैर तबई सौदा का निर्माण हो और वह शरीर के अंग में जमा होने लगे तो यह उसको सामान्य मिजाज को परिवर्तित कर कैंसर रोग का कारण बन सकता है।
बचाव के उपाय : स्वास्थ्य जीवनशैली अपनाएं। (अस्वाब शीत्ता जरूरया में पर्याप्त सामंजस एवं गुणवत्ता रखकर किया जा सकता है) दूषित, अस्वस्थकारी वातावरण तथा खाद्य पदार्थ से बचें ।
कैंसर रोगियों के लिए अनुशासित आहार :
- माउल जुब्न (मट्ठा ) का अधिक सेवन करें।
- माउल शयीर (जौ का पानी )का अधिक सेवन करें।
- खुरफा, पालक, बथुआ का साग खाएं।
- कद्दू , लौकी, तुरई की तरकारी लाभदायक है।
- तरबूज, खीरा, अंगूर, पपीता, नींबू का अधिक सेवन करें ।
- मेवाजात जैसे बादाम, अखरोट मूंगफली, नारियल आदि का सेवन करें ।
- सुपाच्य आहार लें, भोजन की अधिकता से बचें ।
प्रतिबंधित खाद्य पदार्थ :
- लाल मांस विशेष रूप से बड़े पशु का मांस, सुखाया हुआ मांस, मसूर का दाल, सिम, बंद गोभी, फूल गोभी, बैगन, मटर, नहीं खाएं ।
- सभी प्रकार का अचार प्रतिबंधित है ।
- पुराना पनीर का सेवन ना करें।
- कब्ज पैदा करने वाला भोजन न लें।
आहार सम्बंधी विशेष जानकारी के लिए यूनानी चिकित्सक से परामर्श लें।
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