कार्तिक पूर्णिमा
पूर्णिमा कि पूर्ण चंद्रमा, आधी रात का शीतल वातावरण, गंगा-गंडक के संगम का कल कल पानी, नेपाली छावनी के पीछे, कोंहरा घाट के गंडक तट पर सार्धालुओ का जमावड़ा, गंडक के उस तट पर सोनपुर का हरिहर नाथ मंदिर और नदी में भ्रमण कर रहे नाविक एक मनमोहक दृश्य चित्रित करती है। गंगा स्नान मे आस्था कि डुबकी, मानरों कि ढोलक, भक्तों का लोक संगीत के मनमोहक वातावरण में पूजा अर्चना, सद्भावना और प्रेम की अनुभूति कराता है। गंगा तट पर आने वाले सभी मार्गों में आ रहे सार्धालुओ का खचाकछ भीड़, रास्ते के किनारे फुटपाथ पर लगे दुकान, पूरा हाजीपुर मेले में परिवर्तित हो जाता है।
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